गुरुवार, 6 सितंबर 2012

भारतीय इतिहास में आचार्य भगवन शंकर के रूप में स्वयं भगवन शंकर (भोलेनाथ) एवं भगवांन  वेदव्यासजी के रूप में भगवन विष्णु ने  इस पृथ्वी पर अवतार धारण किया और धरती पर बाद रहे पाप, दुष्टाचार को खत्म किया।
  

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